लगता है रुठ गया है मानसून,ज्येष्ठ की तपती दुपहरी सा हो गया है सावन

∆∆••पानी के अभाव में धान की फसल से गायब हो रही है हरियाली

∆∆•√ सिंचाई के सस्ते माध्यम भी दे रहे हैं दगा, डीजल पंपसेट बढ़ा रहे हैं लागत

बस्ती
सावन के महीने में जेठ जैसी धूप, गर्मी व उमस से लोग परेशान हैं। कुछ दिनों से मानसून के रूठने के कारण अब धान के खेतों में दरारें पड़ने लगी हैं। इससे किसान चिंतित हैं। पानी के अभाव में फसल से हरियाली गायब होने लगी है। सोमवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 3 डिग्री अधिक 36 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
मानसून सत्र शुरु होने से पहले मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी कर औसत से अधिक बारिश की संभावना व्यक्त कर चुका है। जिसके आधार पर तमाम किसानों नें विगत वर्ष की तुलना में अधिक रकबे में धान की रोपाई की है। बारिश न होने से अब वह चिंतित दिख रहे हैं। फसल की सिंचाई करनी पड़ रही तो उनकी लागत में भी इजाफा हो रहा है। नहरों में पानी नहीं है और राजकीय नलकूप खराब पड़े हैं। बिजली की अघोषित कटौती चल रही है। ऐसे में सिंचाई के सस्ते माध्यम भी मानसून की तरह दगा दे रहे हैं। आषाढ़ का महीना खत्म हो चुका है और सावन चल रहा है फिर भी बारिश न होना चिंता बढ़ा रहा है। सोमवार को अधिकतम तापमान 36 और न्यूनतम 28.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। आर्द्रता 90 प्रतिशत दर्ज की गई।

मौसम विज्ञानी डॉ.अमर नाथ मिश्र के अनुसार मानसून भटक गया है। आगामी 48 घंटों में इसके पटरी पर आने की संभावना दिख रही है।

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