∆∆•• गुफा में है नाग-नागिनों का है बसेरा,बाकौल नीलम उसे शेषनाग नें खुद दिया है सोने का आभूषण
अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी
वर्तमान समय में एक तरफ जहां विज्ञान कहता है कि न ही नागमणि होती है और न ही नागकन्या लेकिन इससे इतर इस कलियुग में नागकन्या एवं शेषनाग से मिलने का दावा करने वाली बहत्तर दिनों से लापता युवती जो कि विगत दिनों एक गुफा में नागिन जैसी हरकतें करते हुए मिली है उसका कहना है कि वह नागिन बन गई थी।
वर्तमान समय में झारखंड राज्य के गढ़वा जनपद के खरौन्धि प्रखंड का हुसरु गांव इन दिनों मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसकी वजह है नीलम नाम की युवती का खुद को नागिन बनने का दावा करना है।
उल्लेखनीय है कि, खरौन्धि प्रखंड के करिवाडीह पंचायत के हुसरु गांव में तीन सौ आबादी का उरांव जाति का बस्ती है। वर्तमान समय में यह गांव चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि इस गांव की एक नीलम नाम की युवती अचानक मंदिर से गायब हो जाती है और बहत्तर दिनों के बाद उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद के रानीडीह के एक गुफा में नागिन होने का दावा करते हुए बरामद हुई है। सूचना के अनुसार, इस गुफा में एक शिवलिंग है जहां नागों का बसेरा है। नागिन होने का दावा कर रही नीलम से जब पूछा गया तो जवाब में नीलम नें बताया कि नागिन बनने के बाद उसे कुछ याद नहीं है। इन बहत्तर दिनों में वह प्रतिदिन नागिन के रूप में गुफा से निकलती थी और बेलपत्र लेकर भगवान शिव की पूजा करती थी, यह आदेश उसे खुद शेषनाग दिया करते थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नीलम बचपन से ही पूजा पाठ करती आ रही है। महज दस वर्ष के उम्र से ही वह माता की उपासक है और वह ज्यादातर समय अपना मंदिर में ही बिताती है। वहीं, नागिन बनने की बात पर नीलम नें खुलासा किया कि तीन वर्ष पहले एक नाग-नागिन का जोड़ा उसके मंदिर में आया करते थे और मेरे चढ़ाये हुए फूलों को खाया करते थे, इस बात की जानकारी जब उसनें अपने घर वालों को दिया। उसके बाद एक दिन नाग-नागिन का जोड़ा जब मेरे घर आए तो मेरे पिता नें नागिन को मार दिया और तभी से मेरे साथ यह घटना घटने लगी। उसके बाद से ही नाग मेरे घर पर आकर मेरे शरीर से लिपट जाता है और कहता है कि तुम्हें मेरे साथ चलना है।
हालांकि, अभी मैं ठीक हूं, अभी मैं नीलम हूं। लेकिन पता नहीं कभी-कभी मैं होश में नहीं रहती हूं, कुछ खाना भी नहीं खाती। सिर्फ दूध, पानी और फल पर रहती हूं। बाकौल नीलम मेरी नाक में जो सोने का लोलो और सर्प आकार का बेरा है वह शेषनाग नें दिया है, मैं इसको खरीद कर नहीं लाई हूं।
इस विषय में नीलम के पिता नें बताया कि उनकी पुत्री शुरू से ही पूजा पाठ में रुचि रखती है। हमको लगा कि इसकी तबियत ख़राब है। नीलम को फिर कई चिकित्सकों से दिखाया एवं इलाज में लाखों रुपये खर्च किए, लेकिन कुछ भी बीमारी नहीं निकली, तब मुझे लगा की नीलम जो बोल रही है वही सच्चाई है। नीलम के गायब होने पर हमने इसकी सूचना थाने में दिया था। लेकिन आखिर मेरा जो अंदेशा था वही हुआ, वह गुफा से ही मिली। इससे पहले कई बार भी खोजने के लिए गुफा में हमलोग गए,लेकिन किसी नें कुछ नहीं बताया।
बाद में गांव की एक महिला को स्वप्न आया और जाकर देखा तो मेरी पुत्री सच में नागिन की अवस्था में थी। नीलम का आधा शरीर मानव और आधा शरीर छिपा हुआ था, उसके पैर नहीं थे। ज़ब मैं नीलम के पास गया तो उसनें कहा की अगर मुझे वापस प्राप्त करना है तो अखंड कीर्तन करें। यही बात नीलम की मां, भाई और अन्य ग्रामीणों ने भी बताया है। खैर मामला जो भी हो नीलम की नागिन बनने की कहानी पूरे इलाके मे फैलने के बाद नीलम अभी सनसनी बनी हुई है लोग दर्शन और पूजा करने के लिए नीलम के घर पहुंच रहे हैं।