∆∆•• नौ साल बाद आया फैसला
अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी
लोगों के जेहन में एक सवाल हमेशा गूंजता है कि चटखारा लेकर खाया जाने वाला लहसुन सब्जी की श्रेणी में आता है कि मसाले का प्रमुख अवयव।
इस सवाल का जवाब अब न्यायालय नें दे दिया है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर बेंच नें नौ साल पुरानी इस याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है । वर्ष 2015 में कुछ किसान संगठनों के अनुरोध को ध्यान में रखते हुए लहसुन को सब्जियों की श्रेणी में डाल दिया गया था ।
यह बात अलग थी कि कुछ ही समय में कृषि विभाग नें यह आदेश रद्द करते हुए लहसुन को फिर से मसाले का दर्जा दे दिया था । इसके पीछे दलील दी गई थी कि कृषि उपज बाजार समिति अधिनियम 1972 में लहसुन को मसाला कहा गया है। इसके बाद साल 2017 में एक बार फिर से एक रिव्यू पिटीशन न्यायालय में दायर की गई। इस बार मामला सीधा उच्च न्यायालय के दो जजों की बेंच के सामने आया। इस बेंच ने पिछले फैसले को पलट दिया, और कहा कि लहसुन एक मसाला है ।