अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी
प्रदेश सरकार एक तरफ जहां मदरसों पर आएदिन नकेल कसने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी तरफ मदरसों से जुड़े लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला संगम नगरी प्रयागराज के एक मदरसे का है जहां पर ऐसा सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि जो हैरान कर देने वाला है। उक्त मदरसा नकली नोट छापने का कारखाना बना हुआ था। प्रयागराज पुलिस नें मदरसे से संचालित होने वाले नकली नोट छापने के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है एवं इनके कब्जे से तेरह सौ नकली नोट और इन्हें छापने के कई उपकरण बरामद किए हैं।
नकली नोट छापने का कारखाना बना उक्त मदरसा प्रयागराज शहर के अतरसुइया क्षेत्र में स्थित है। मदरसे का नाम जामिया हबीबिया है। यहां पर बड़ी संख्या में छात्र तालीम हासिल करते हैं। प्राप्त सूचना के अनुसार मदरसे के एक हिस्से में मस्जिद भी बनी है। पुलिस के अनुसार उक्त मदरसा पिछले कई महीनो से नकली नोट छापने का अड्डा बना हुआ था।यहां पर सिर्फ सौ-सौ रुपये के ही नोट छापे जाते थे। डीसीपी सिटी दीपक भूकर के अनुसार नकली नोट छापने और इसे बाजार में खपाने के गोरख धंधे में मदरसे का कार्यवाहक प्रिंसिपल भी शामिल था। उसनें नकली नोट छापने वालों को मदरसे का एक कमरा दे रखा था। इसके बदले वह मोटा कमीशन लेता था।
बुधवार को पुलिस अधिकारियों नें प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि गिरोह में फिलहाल चार लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है। यह लोग सौ रुपये की नोट हाई क्वालिटी के स्कैनर पर स्कैन करते थे। इसके बाद उसे ए फोर साइज के पेपर पर प्रिंट किया जाता था। नोट असली लगे, इसके लिए इस पर ग्रीन कलर का सेलो टेप लगाया जाता था। ज्यादातर नोटों के नंबर एक ही होते थे। गिरोह के लोगों नें पहले कुछ दिनों तक खुद ही नकली नोट बाजार में खपाए थे। इसके बाद इन्होंने कुछ दूसरे लोगों से कमीशन पर देने का सौदा तय किया था। एक असली नोट के बदले तीन नकली नोट दिए जाने का सौदा तय किया जा रहा था।
प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने की पुलिस नें दो लोगों को बस स्टैंड के पास से पकड़ा तो पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ। इनकी निशानदेही पर मदरसे में छापेमारी कर वहां से कार्यवाहक प्रिंसिपल मोहम्मद तफसीरुल आफरीन और मास्टरमाइंड जाहिर खान की गिरफ्तारी हुई है। जाहिर खान इसी मदरसे का छात्र था एवं तफ़्सीरुल और जहीर दोनों ही मूल रूप से उड़ीसा प्रदेश के रहने वाले हैं। इसके अलावा गिरफ्तार किए गए दो अन्य युवक अफजल और शाहिद प्रयागराज के रहने वाले हैं। यह दोनों भी इसी मदरसे में पढ़ते थे।
पुलिस नें मदरसे में छापेमारी के बाद वहां से एक लाख तीस हजार रुपये कीमत के सौ सौ रुपये के तेरह सौ नकली नोट बरामद किए हैं। इसके अलावा स्कैनर-प्रिंटर व नकली नोट तैयार करने में मददगार अन्य सामाग्रियां भी मिली है। डीसीपी सिटी दीपक भूकर के अनुसार यह लोग इतनी सफाई से नकली नोट तैयार करते थे कि किसी को शक नहीं होता था। यह लोग जानबूझकर सौ रुपये की ही नोट इसलिए छापते थे, ताकि वह आसानी से बाजार में खप जाए।
मदरसे में नकली नोट छापे जाने के इस खुलासे को प्रयागराज पुलिस बड़ी कामयाबी मान रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पकड़े गए चारों आरोपियों को फिलहाल जेल भेजा गया है, लेकिन जल्द ही इन्हें कस्टडी रिमांड में लेकर इनके पूरे नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश की जाएगी। इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।पुलिस के खुलासे के बाद दूसरी बड़ी एजेंसियां भी अलर्ट हो गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि दूसरी एजेंसियां भी इस मामले में छानबीन कर सकती हैं। डीसीपी सिटी दीपक भूकर नें खुलासा करने वाली पुलिस टीम को पच्चीस हजार रुपये का पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा किया है।