काशी की बेटी संस्कृति चतुर्वेदी नें भारतीय संसद में बजाया डंका

अजीत पार्थ न्यूज ब्यूरो

कहते हैं पूत के पांव पालने में” उक्त कहावत के उलट बेटी भी कुछ कर सकती है कहावत को चरितार्थ किया है बहुत ही छोटी उम्र में काशी की बिटिया संस्कृति चतुर्वेदी नें। संस्कृति नें उत्तर प्रदेश से बाहर जाकर दिल्ली में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।

संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर संपूर्ण भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों से मेधावी छात्र-छात्राओं का संसद की विशेष पैनल द्वारा चयन किया गया था। उक्त चयन में वाराणसी निवासी वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. उमाशंकर चतुर्वेदी कंचन की सुपुत्री संस्कृति चतुर्वेदी जो वर्तमान समय में श्री लाल बहादुर शास्त्री केंद्रीय संस्कृत विद्यापीठ विश्वविद्यालय नई दिल्ली में शोध छात्रा है। उनका चयन भारतीय संसद में विश्वविद्यालय के प्रतिनिधित्व के लिए किया गया था। कार्यक्रम के उपरांत समस्त प्रतिभागियों से वार्ता करने के पश्चात लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जब संस्कृति चतुर्वेदी से मिले तो उन्होंने काशी के बारे में बहुत गहराई से जानकारी मांगी, संस्कृति नें उनके द्वारा पूंछें गए समस्त सवालों का बहुत ही बखूबी से उत्तर दिया। जिस पर प्रसन्न होते हुए लोकसभा अध्यक्ष नें विशेष प्रशस्ति पत्र प्रदान करने के साथ-साथ वाहवाही देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना किया।

उल्लेखनीय है कि संस्कृति चतुर्वेदी को बहुत ही कम उम्र में गीता, लघु सिद्धांत कौमुदी, अष्टाध्यायी, अमरकोश, तर्कसंग्रह सहित विभिन्न संस्कृत एवं वैदिक साहित्य के ग्रंथ बखूबी कंठस्थ हैं तथा इसके लिए उन्हें उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। संस्कृति चतुर्वेदी काशी हिंदू विश्वविद्यालय से साहित्याचार्य की परीक्षा में साल 2021 में सर्वोच्च अंक प्राप्त करते हुए गोल्ड मेडल प्राप्त किया है। इसी के साथ उन्होंने भारत की विशिष्ट परीक्षा जेआरएफ में अच्छे अंक प्राप्त किए हैं।

उनके इस उल्लेखनीय प्रगति पर वरिष्ठ संपादक एल. उमाशंकर सिंह, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के तुलनात्मक धर्म-दर्शन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर हरिप्रसाद अधिकारी, डॉ. विनोद राव पाठक, डॉ.संजीव शर्मा डॉ. सविता चतुर्वेदी, आचार्य अविनाश चतुर्वेदी ‘चंदन’, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रो.श्यामानंद मिश्र, राघवेंद्र पाठक गोरखपुर व सुशील कुमार उपाध्याय सहित तमाम लोगों नें बधाई दिया है।

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