अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रही प्रभु श्रीराम की मनोरमा नदी के उद्धार का भगीरथ प्रयास शुरू हो गया है। प्रशासन की ओर से डीएम प्रियंका निरंजन इसे लेकर गंभीर हो गई हैं। मनोरमा के मंद होते प्रवाह को गतिमान बनाने के लिए बृहस्पतिवार को जिला स्तरीय व नोडल अधिकारियों की बैठक हुई। डीएम ने इस नदी का सर्वे सप्ताह भर में पूरा कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
अटल बिहारी वाजपेयी प्रेक्षागृह में डीएम ने कहा कि जिले में लगभग 115 किमी नदी प्रवाहित होती है। नदी के क्षेत्र में परशुरामपुर ब्लाक में 18, विक्रमजोत में 8, बहादुरपुर में 26 तथा कुदरहा ब्लॉक में कुल 10 ग्राम पंचायत शामिल हैं। कहा कि मई के अंत तक यह पुनरुद्धार कार्य पूरा किया जाएगा ताकि बरसात में जल संरक्षण का कार्य किया जा सके। फसल को नुकसान न हो तथा नदी प्राकृतिक रूप से प्रवाहित हो।
निर्देश दिया है कि सर्वे में पानी के बहाव की स्थिति, सिल्ट एवं जलकुंभी की सफाई की आवश्यकता, मनोरमा नदी से जुड़ने वाले नालों की संख्या, नदी के 1 किमी परिक्षेत्र में उपलब्ध तालाबों की कुल संख्या तथा पिछले 5 वर्षों में कराए गए तालाबों में खुदाई का कार्य की सूचना देनी होगी। इसके आधार पर मनोरमा नदी की सफाई की कार्य योजना तैयार की जाएगी।