बस्ती से दक्षिण अफ्रीका गया गिरमिटिया मजदूर परिवार बना वहां का मालिक, मातृभूमि की खूश्बू ले आई अपने गांव

∆∆•• चौथी पीढ़ी का परिवार पूर्वजों को खोजने पहुंचा विक्रमजोत के वीरपुर खरहरा ग्राम

✍️(पवन कुमार मिश्र) छावनी बस्ती

करीब डेढ़ सौ वर्ष पूर्व मजदूरी के लिए दक्षिण अफ्रीका गए गिरमिटिया मजदूर की चौथी पीढ़ी अपनी मिट्टी को ढूंढते हुए गुरुवार को छावनी पहुंच गई। अब यह मजदूर नहीं बल्कि मालिक हैं । गांव के विकास में भी उनके योगदान देने की चाहत है। गुरुवार को जब गांव पहुंचे तो अपने परिजनों से मिलकर गले लगाकर रोने लगे और मिट्टी को चूमा तो परिजनों नें फूल-माला पहनाकर उनका स्वागत किया।

उल्लेखनीय है कि करीब डेढ़ सौ साल पहले सस्ती मजदूरी के लिए अंग्रेज अपने अधीन देशों के मजदूरों को एक देश से दूसरे देश ले जाया करते थे। इस दौरान बस्ती जनपद के छावनी थाना क्षेत्र के वीरपुर खरहरा निवासी पवन मिश्र के परिजन को भी अंग्रेज मजदूरी के लिए दक्षिण अफ्रीका ले गए थे। जहां पर पूर्वज मजदूरी करने लगे और वहीं पर उन्होंने अपना परिवार बसा लिया। लेकिन डेढ़ सौ साल बाद उनकी चौथी पीढ़ी अपनी मातृभूमि को तलाशती हुई गांव पहुंची क्योंकि वहां के कुछ दस्तावेजों से उन्हें पता चला कि उनका परिवार भारत से वहां पहुंचा था। उन दस्तावेजों में उनके गांव और जिले के नाम का भी जिक्र था, जिसके सहारे उन्होंने गूगल के माध्यम से अपना पैतृक गांव खोजने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अपनी मातृभूमि पर पहुंचने पर वह बेहद खुश हैं।

वीरपुर खरहरा गांव में साउथ अफ्रीका से अपने पूर्वजों को खोजते हुए पहुंचे ओमनाथ महाराज नें बताया कि हमारे पूर्वज स्वामीनाथ 1877 में अंग्रेजों के द्वारा गिरमिटिया मजदूर के रूप में गए हुए थे। गिरमिटिया फाउंडेशन के अध्यक्ष दिलीप गिरी से संपर्क करने पर उन्हें बस्ती जनपद के बारे में सब कुछ हासिल हो गया। इसके बाद वह अपना गांव खोजते हुए अपने पूरे परिवार के साथ वीरपुर खरहरा पहुंचे थे। जहां पर ढोल-नगाड़ों के साथ परिजनों व गांव के लोगों नें उनका स्वागत किया।

साउथ अफ्रीका से आए ओमनाथ महाराज नें बताया कि उन्हें अपने पूर्वजों से मिलकर बहुत ही अच्छा लग रहा है। यहां की मिट्टी हमारे लिए सोना है, अब हम लोग यहां हमेशा आते रहेंगे। उनके साथ उनकी पत्नी, पुत्र असलैन असी व पुत्रवधू अविथा दास सभी लोग अपने परिजनों से मिलकर काफी प्रसन्न थे।

ओमनाथ महाराज नें टूटी-फूटी हिंदी भाषा में यहां के परिजनों को बताया कि कोरोना के त्रासदी के दौरान उनके परिवार के कई सदस्य असमय ही काल कवलित हो गए थे। वीरपुर खरहरा ग्राम में अपने परिजनों से मिलने के बाद उक्त लोग अयोध्या के लिए रवाना हो गए। परिजनों के मुताबिक शुक्रवार को उक्त लोग राममंदिर का दर्शन करेंगे,हम लोग भी अयोध्या में एक बार पुनः उनसे मुलाकात करेंगे। उसके पश्चात वह लोग प्रयागराज चले जाएंगे और महाकुंभ का स्नान करेंगे। चूंकि उक्त लोगों की भाषा को यहां के परिजन बहुत समझ नहीं पाए तो ओमनाथ महाराज अपने परिजनों के कुछ शब्दों को डायरी में नोट करके ले गए हैं। वीरपुर खरहरा निवासी पवन कुमार मिश्र पुरोहित का कार्य करने के साथ-साथ पराग डेयरी का काम करते हैं।

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