प्रयागराज महाकुंभ में अचानक बढ़ी भीड़, मकर संक्रांति और बसंत पंचमी से अधिक हुई श्रद्धालुओं की संख्या, जाम के झाम में रेंग रहा है पूरा शहर

अजीत पार्थ न्यूज संवाददाता

प्रयागराज महाकुंभ में गुरुवार को ऐसा लग रहा था कि दूसरा मौनी अमावस्या है। प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र सहित सम्पूर्ण शहर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। स्थानीय लोगों के अनुसार इतनी भीड़ मकर संक्रांति एवं बसंत पंचमी स्नान में देखने को नहीं मिली थी। भीड़ की स्थिति को देखते हुए प्रयागराज जिलाधिकारी के निर्देशानुसार छात्र हित एवं आवागमन की असुविधा के दृष्टिगत सात फरवरी से बारह फरवरी तक कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक के समस्त विद्यालयों में आनलाइन कक्षाएं संचालित होंगी तथा शिक्षकों को विद्यालय में उपस्थित रहकर विभागीय कार्य पूर्ण करने होंगे।

इसी के साथ प्रयागराज में गुरुवार की छः बजे तक 71.74 लाख श्रद्धालुओं नें संगम में आस्था डुबकी लगाई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रयागराज महाकुंभ में आने जाने वाली गाड़ियों से भीषण जाम लगा हुआ है। प्रशासन नें मेला क्षेत्र में वाहन पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। जाम खुलवाने के लिए डीसीपी अभिषेक भारती नें शहर के बैरियर पर खुद खड़े होकर मोर्चा संभाला।‌ प्रशासन के मुताबिक महाकुंभ मेला क्षेत्र में ज्यादा श्रद्धालु आने के कारण जाम की स्थिति बनी हुई है। महाकुंभ का पच्चीसवें दिन पांटून पुल संख्या 19 पर भारी हंगामा देखा गया। लोगों नें आरोप लगाया कि पुल को बंद कर दिया गया है और श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने नहीं दिया जा रहा है। जबकि अधिकारियों को पुल पार करने की अनुमति मिल रही है। इससे गुस्साई भीड़ ने मौके पर विरोध करना शुरू कर दिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बल एवं प्रशासनिक अधिकारी मौके पर तैनात हैं। प्रशासन की चुप्पी पर श्रद्धालुओं में नाराजगी बढ़ गई।

सेक्टर 24 में अनवरत भंडारा एवं चिकित्सा शिविर संचालित कर रहे श्रीपीठम् के पीठाधीश्वर आचार्य प्रदीप कृष्णम् के अनुसार गुरुवार को भीड़ की संख्या मौनी अमावस्या के सदृश्य दिखाई पड़ रही है। भीड़ की स्थिति ऐसी बनी हुई है कि श्रद्धालुओं को बीस बीस किलोमीटर पदयात्रा करना पड़ रहा है। उनके कुछ भक्त नोएडा से स्वयं के वाहन द्वारा महाकुंभ स्नान करने के लिए गुरुवार की सुबह प्रयागराज पहुंच गए थे, लेकिन भीड़ की वजह से लोकेशन भेजने के बाद भी करीब चौदह घंटे बीत जाने के बाद उक्त लोग आश्रम तक नहीं पहुंच पाए हैं।

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