एक साथ उठी पति-पत्नी की अर्थी,पति के मौत के गम को बर्दाश्त नहीं कर सकीं थी पत्नी, एक ही चिता पर हुआ अंतिम संस्कार

अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी

पति-पत्नी की एक साथ अर्थी उठते देख पूरा गांव चीत्कार उठा और श्मशान घाट पर कांपते हुए हाथों से बुजुर्ग पिता द्वारा बेटे-बहू को जब एक साथ मुखाग्नि दी गई तो घाट पर मौजूद हर कोई का कलेजा पत्थर का हो गया। उक्त पूरा मामला अंबेडकरनगर जनपद के राजेसुल्तानपुर थाना क्षेत्र के केदरुपुर गांव का है। जहां पर रविवार को पति की मौत के बाद दिल्ली से पहुंची पत्नी नें मंगलवार को अंत्येष्टि के समय दम तोड़ दिया। जीवन भर साथ निभाने का वादा करने वाले दंपती की अर्थी एक साथ उठी और एक चिता पर दोनों पंचतत्व में विलीन हो गए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार केदरुपुर ग्राम निवासी मनोज पाठक 37 पुत्र त्रियुगीनारायण पाठक सपरिवार दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते थे। होली के त्यौहार में मनोज पाठक बच्चों और पत्नी को दिल्ली में छोड़कर घर आए हुए थे। रविवार की रात में अचानक मनोज को हार्टअटैक आ गया, जिससे उनकी मौत हो गई। परिवार के लोगों नें दिल्ली में उनकी पत्नी को मनोज के तबियत खराब होने की सूचना दिया। पत्नी गुंजन पाठक पुत्री राशि 13 और पुत्र सार्थक 4 के साथ सोमवार की देर शाम गांव में पहुंचीं तो उन्हें घटना की जानकारी हुई।

मंगलवार को जब मनोज पाठक के शव को दाह संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था, तभी गुंजन बेहोश होकर गिर गईं। लोग कुछ समझ पाते तब तक गुंजन की भी मौत हो चुकी थी। पति की मौत के सदमे से पत्नी की भी मौत होने से घर पर कोहराम मच गया।

सूचना के अनुसार मृतक मनोज पाठक वरिष्ठ सपा नेता बालगोविंद त्रिपाठी के रिश्ते में साढ़ू थे। घटना से केदरुपुर गांव में मातम पसरा हुआ है। बाद में पति-पत्नी की अर्थी एक साथ उठाई गई और एक ही चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार सरयू नदी के कम्हरिया घाट पर किया गया। बुजुर्ग पिता नें बेटे और बहू मुखाग्नि दिया।

ग्रामीणों के अनुसार बेटी राशि अपने माता-पिता को याद करके रो रही है और भाई सार्थक अभी भी अपने मां-बाप के लौटने का इंतजार कर रहा है। वह बार-बार परिजनों से मम्मी पापा कब आएंगे पूछ रहा है, लेकिन इसका जवाब किसी के पास नहीं है। बस नम आंखों के साथ बच्चों को सांत्वना देने में जुटे हैं। मृतक के परिवार में एक छोटा भाई सुब्बू पाठक व उनका परिवार है।

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