भवसागर से पार उतरने का प्रमुख माध्यम है रामकथा

अजीत पार्थ न्यूज बनकटी बस्ती

विकास खंड के पक्कवा बाजार में आयोजित श्री शतचंडी महायज्ञ में आयोजित श्री राम कथा के अष्टम दिवस उपस्थित क्षेत्रीय श्रद्धालुओं को रामकथा के मर्म को बताते हुए अवध धाम से पधारी हुई मानस बिंदु जी नें कहा कि मोक्ष प्राप्ति का प्रमुख साधन राम कथा है। श्री राम कथा का जितना ही श्रवण, मनन तथा चिंतन किया जाए उतना ही जीवन को कृतार्थ करने में लाभकारी होता है।

उन्होंने कहा कि श्री राम चरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है कि “बिनु सत्संग विवेक न होई”… इस कारण मनुष्य को बार-बार सत्संग में जाना चाहिए, क्योंकि दुनिया की समस्त मैल को साफ करने के लिए विभिन्न प्रकार के साबुन बने हुए हैं, लेकिन दूषित मन को साफ करने के लिए केवल मात्र सत्संग रूपी साबुन का प्रयोग किया जा सकता है। जब मनुष्य का हृदय पवित्र होगा तो उसमें स्वत: ही भगवान का वास हो जाएगा और उक्त मनुष्य का इस कलिकाल से मोक्ष प्राप्ति हो जाएगा।

इस दौरान उन्होंने कहा कि इस कलिकाल में कीर्तन ही मोक्ष का प्रमुख साधन है। इस नाते मनुष्य को भगवान के नाम का अधिक से अधिक संकीर्तन करना चाहिए। इस दौरान बड़ी संख्या में क्षेत्रीय लोग मौजूद रहे।

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