अजीत पार्थ न्यूज संवाददाता छावनी बस्ती
जनपद के सोहगिया ग्राम में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण में कथाव्यास रामगोपाल शुक्ल नें श्रीमद् भागवत महापुराण में वर्णित व्यास जी के अनुसार बच्चों के नामकरण की विधि श्रद्धालुओं को बताया। इस दौरान उन्होंने कहा कि संत गर्गाचार्य नें भगवान श्रीकृष्ण का नामकरण कर यह संदेश दिया कि नवजात बच्चे का नामकरण उसके बाबा, गुरु अथवा विप्र से ही कराना चाहिए, क्योंकि यह एक प्रकार का संस्कार है। बालक के नाम में माता-पिता तथा परबाबा का नाम भी होना चाहिए, वह भले ही एक अक्षर का ही हो।
प्रभु नें संसार को यह संदेश दिया कि भगवान और भक्त के बीच में झूठापन व पर्दा नहीं होना चाहिए। हिरण्यकश्यप भले ही प्रहलाद को दंड देने का सोचा लेकिन भक्ति में आस्था होने की वजह से भगवान नरसिंह नें हिरण्यकश्यप का वध किया। हिरण्यकश्यप के वध के बाद भगवान नें जब भक्त प्रहलाद से पूछा कि आप प्रसन्न हैं, तब प्रह्लाद नें कहा कि प्रभु आपने मेरे पिता का वध कर दिया और अब मैं कैसे कहूं कि खुश हूं? आप तो जगत पिता हैं, आप चाहते तो मेरे पिता को समझा भी देते। इस प्रकार महाभारत में पिता पुत्र के मोह को भी दर्शाया गया है।
कथाव्यास नें अपने प्रवचन में कहा कि सच्चा सुख केवल भगवान के श्रीचरणों में है। उन्होंने भक्ति के मार्ग पर चलने और निर्मल हृदय से हरि स्मरण करने की प्रेरणा दिया, जिससे जन्म-जन्मांतर के विकार नष्ट हो जाते हैं और आत्म शांति मिलती है। भगवान के सम्मुख और उनके शरणागत होने को ही भागवत कहा जाता है। भागवत कथा से कल्याणकारी और कोई साधन नहीं है। इसलिए व्यस्त जीवन में समय निकालकर कथा को अवश्य श्रवण करना चाहिए। यह एक ऐसी औषधि है जिससे जन्म-मरण का रोग मिट जाता है. भागवत कथा को पांचवा वेद कहा गया है, जिसे पढ़ सकते हैं और सुन सकते हैं। भगवान श्री कृष्ण सनातन धर्म में विष्णु के अवतार हैं, सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्व पापहारी, पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं।
कथा के पूर्व मुख्य यजमान रामप्रकाश मिश्रा द्वारा कथाव्यास की आरती उतारी गई। इस दौरान प्रमुख रूप से भाजपा असम राज्य प्रभारी हरीश द्विवेदी, गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री महेश शुक्ल, जिला पंचायत सदस्य गिरीश पांडेय, शिक्षाविद डॉ.संजय तिवारी, जिला पंचायत सदस्य भानु प्रताप सिंह, प्रधान रोली सिंह, मुन्ना सिंह, सुरेंद्र सिंह, प्रदीप कुमार सिंह, कमल बहादुर सिंह, सुभाष चंद्र मिश्र, हरिराम मिश्र, पवन कुमार मिश्र, बजरंगबली पाठक, अनुराग मिश्रा, सौरभ मिश्रा, हेमंत मिश्रा, अर्श मिश्रा, राहुल कुमार, कृष्ण कुमार, रामबोध यादव, कुंदन राम सहित सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।


