अवैध मदरसे में जांच के दौरान शौचालय में बंद मिलीं चालीस की संख्या में लड़कियां,मचा हड़कंप, प्रशासन कर रहा है कार्यवाही की तैयारी

अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी

जनपद बहराइच में एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। सूचना के अनुसार पयागपुर तहसील क्षेत्र के पहलवारा ग्राम में निर्मित तीन मंजिला इमारत में संचालित हो रहे एक अवैध मदरसे की जांच के दौरान प्रशासन और पुलिस टीम को ऐसा नजारा देखने को मिला, जिससे सभी लोग दंग रह गए। उल्लेखनीय है कि, अवैध मदरसे की जांच के दौरान प्रशासनिक टीम को मदरसे के ऊपरी मंजिले पर बने हुए शौचालय में बंद की गई चालीस की संख्या में नाबालिग किशोरियां प्राप्त हुईं । किशोरियों को इस स्थिति में देखकर मौके पर मौजूद अधिकारी भी हैरान रह गए। इसके बाद प्रशासन द्वारा तत्काल मदरसे को बंद करने का आदेश जारी किया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पयागपुर के पहलवारा ग्राम के मदरसे का निरीक्षण चल रहा था कि इसी दौरान जब पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मदरसे की ऊपरी मंजिले पर पहुंचे, तो उन्हें वहां का शौचालय बंद मिला। महिला पुलिसकर्मियों नें जब दरवाजा खुलवाया, तो भीतर से एक-एक कर करीब चालीस की संख्या में नाबालिग बच्चियां बाहर आने लगीं। इन बच्चियों की उम्र 9 से 14 साल के बीच बताई जा रही है। उक्त बच्चियां सहमी हुई थीं और वह निरीक्षण टीम को कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रही थीं।

पयागपुर के उपजिलाधिकारी अश्विनी कुमार पांडेय के अनुसार शिकायत के आधार पर अचानक मदरसे में छापे की कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि शुरुआत में मदरसा संचालकों ने हमें ऊपर जाने से रोका। लेकिन, पुलिस बल के साथ अंदर प्रवेश किया तो छत पर बने शौचालय में बच्चियां बंद पाई गईं।

मदरसा संचालकों से जब पूछा गया कि बच्चियां शौचालय में क्यों छिपाई गईं? इस पर मदरसे की शिक्षिका तकसीम फातिमा नें सफाई दी कि निरीक्षण की अचानक कार्रवाई से मची अफरातफरी के कारण बच्चियां डर गईं और वह खुद शौचालय में जाकर छिप गईं।

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मोहम्मद खालिद के अनुसार मदरसे के कागजातों और गतिविधियों की जांच शुरू कर दी गई है। मदरसे को तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। डीएमडब्लूओ नें कहा कि गैर-मान्यता प्राप्त होने के कारण मदरसे को बंद करने के आदेश दिए गए हैं। सभी बच्चियों को सुरक्षित उनके घर भेजने की व्यवस्था की जा रही है।

फिलहाल, प्रशासन इस बात की जांच कर रहा है कि मदरसा बिना अनुमति कैसे संचालित हो रहा था? बच्चियों को शौचालय में बंद करने की असल वजह क्या थी? क्या उक्त पूरे मामले में बाल अधिकारों का उल्लंघन हुआ है? इन सवालों के जवाब के बाद आगे की कार्रवाई की बात कही जा रही है।

अपर पुलिस अधीक्षक नगर रामानंद प्रसाद कुशवाहा नें इस पूरे मामले में कहा कि अभी तक किसी अभिभावक, उप जिलाधिकारी या अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नें प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए कोई तहरीर नहीं दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी प्रकार की शिकायत मिलती है तो पुलिस आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेगी। फिलहाल नेपाल बॉर्डर पर बने हुए उक्त मदरसे की गतिविधियों की जांच की मांग की जा रही है।

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