थानाध्यक्ष का कमरा हुआ सील
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस की नीति पर धब्बा लगाते हुए पुलिस कर्मी थाने के अंदर ही दलालों के साथ बंटवारा कर रहे थे, इसी बीच एडीजी एवं डीआईजी बगैर सूचना के थाने में आ धमके। उक्त छापेमारी में अधिकारियों नें तीन पुलिसकर्मियों सहित कुल बीस लोगों को गिरफ्तार किया है। इसी बीच मौका पाकर थाने के इंस्पेक्टर पन्ने लाल चहारदीवारी कूदकर भाग निकले, उक्त जानकारी पर एडीजी नें थानेदार का कमरा सील करवा दिया है।
पूरा मामला प्रदेश के बलिया जनपद का है जहां पर वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया नें बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस पर रिश्वतखोरी के लग रहे आरोपों के बीच अचानक एडीजी वाराणसी जोन नरही थाने पहुंच गए। उनके साथ आजमगढ़ के डीआईजी वैभव कृष्ण भी मौजूद थे। दोनों अधिकारियों नें मिलकर थाना परिसर में बड़ी कार्रवाई की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर शराब, पशु तस्करी से लेकर लाल बालू के तस्करी की शिकायतें आ रही थी। मामले की जानकारी मिलने के बाद एक्शन हुआ है। तीन पुलिसकर्मियों समेत कुल बीस लोगों को हिरासत में लिया गया है।
सूचना के अनुसार रिश्वतखोरी के आरोप में घिरे पुलिसकर्मियों को दबोचने के लिए दोनों अधिकारी नरही थाना क्षेत्र के भरौली गोल चौराहे पर पहुंचे। एडीजी पीयूष मोर्डिया एवं डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण सादी वर्दी में मौके पर पहुंच गए। इसके बाद उन्होंने अचानक सर्च ऑपरेशन चला दिया। वरिष्ठ अधिकारियों को पहचानते ही थाने में हड़कंप मच गया। मौके से ही तीन पुलिसकर्मी समेत 20 लोगों को हिरासत में ले लिया गया।
इसी बीच मौका पाकर इंस्पेक्टर पन्ने लाल चहारदीवारी कूदकर फरार हो गए। नरही थाने में सर्च ऑपरेशन के दौरान कई आरोपियों पर कार्रवाई की गई। शराब, पशु तस्करी, लाल बालू की तस्करी समेत लगातार मिल रही कई शिकायतों के आधार पर हुई कार्रवाई के दौरान 50 से अधिक मोबाइल और कई बाइक को भी पुलिस नें अपने कब्जे में ले लिया। इस दौरान एडीजी ने नरही थानाध्यक्ष का कमरा सील करा दिया।
सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिसकर्मियों के बॉक्स खंगाले गए। एडीजी के छापेमारी के दौरान बलिया पुलिस अधीक्षक भी मौजूद रहे। एडीजी नें दो पुलिसकर्मियों को बालू तस्करों से वसूली करते हुए रंगे हाथों पकड़ा। इस मामले में कठोर कार्रवाई की बात प्रशासनिक स्तर पर कही गई है।