अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी
एक तरफ भारतीय जनता पार्टी का संगठन आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत हर वर्ग को साधने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ जनप्रतिनिधि अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा हैं, और समाज में सरकार सहित संगठन की भद्द पिटवा रहे हैं।
ताजा मामला महराजगंज जनपद का है, जहां पर जिला पंचायत बोर्ड की बैठक शनिवार को फिर हंगामे की भेंट चढ़ गई। जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थित और उनकी जगह उनके प्रतिनिधि की उपस्थिति पर विधायकों के बीच अनबन सामने आ गई। फरेंदा विधायक नें तो जिला पंचायत में अनियमितताओं के बोलबाला का आरोप मढ़ दिया। जिला पंचायत अध्यक्ष रविकांत पटेल, विधायक पनियरा ज्ञानेंद्र सिंह, विधायक नौतनवा ऋषि त्रिपाठी, विधायक सिसवा प्रेमसागर पटेल और विधायक सदर जय मंगल कन्नौजिया बैठक में प्रमुख रूप से मंचासीन थे।
सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई फरेंदा विधायक वीरेंद्र चौधरी नें कहा कि शासनादेश के अनुसार ही बैठक में जनप्रतिनिधि स्वयं रहें। बैठक में शामिल होने के लिए एएमए द्वारा जो पत्र जारी किया है उसका पालन किया जाए। बैठक में मौजूद सांसद के प्रतिनिधि को लेकर फरेंदा विधायक नें आपत्ति जतायी। इस पर एक सत्तारूढ़ के विधायक नें बचाव किया। इस पर गहमा-गहमी हो गई। सत्तारूढ़ दल के विधायक नें कहा कि अगली बार से यह नियम लागू किया जाये। जिला पंचायत सदस्यों नें सड़क, बिजली, पानी का मुद्दा उठाया। जिला पंचायत सदस्य सुरेश चंद्र साहनी नें कहा वृद्धा, विधवा, दिव्यांग में पात्रों को अपात्र न बनाया जाये। उपभोक्ताओं के कम खर्च के बाद भी बिजली बिल अधिक आ रहा है।
बैठक के दौरान ही मंचासीन सत्तारूढ़ दल के दो विधायक जय मंगल कन्नौजिया एवं प्रेमसागर पटेल आपस में ही भिड़ गए। बताया जाता है कि जनप्रतिनिधि की बात व बजट को लेकर दोनों आपस में असहमत थे। इस पर मंच पर ही सबके सामने तेज-तेज आवाज में बात करने लगे। नौतनवा विधायक ऋषि त्रिपाठी विधायकों को शांत कराते नजर आए।