अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी
पिछले कई सालों से अपने वेतन बढ़ाए जाने की मांग करने वाले मदरसा शिक्षकों के लिए यह नवरात्रि काफी खुशियां लेकर आई है। सूचना के अनुसार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एकनाथ शिंदे सरकार नें राज्य के मदरसा शिक्षकों का वेतन बढ़ाने का फैसला लिया है। कैबिनेट बैठक में इसकी मंजूरी भी दे दी गई। अभी तक मदरसा अध्यापकों को मात्र छः हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से वेतन मिलता था, जो वर्तमान समय की मंहगाई को देखते हुए काफी कम था। उक्त संकट को समझते हुए सरकार नें अब लगभग तीन गुना वेतन बढ़ाकर सोलह हजार रुपये कर दिया जाएगा।
महायुति सरकार के फैसले का भारतीय जनता पार्टी नें स्वागत किया है। भाजपा नेता किरीट सोमैया नें मदरसों में डीएड और बीएड शिक्षकों के वेतन में वृद्धि के फैसले पर जोर दिया कि भारतीय जनता पार्टी शिक्षा और स्वास्थ्य को धार्मिक सीमाओं से परे धर्मनिरपेक्ष सरोकार मानती है।
भाजपा नेता किरीट सोमैया नें कहा कि “हमारी आने वाली पीढ़ियों को शिक्षित करने वाले शिक्षकों के वेतन में वृद्धि की गई है। शिक्षा और स्वास्थ्य सरकार की जिम्मेदारी है। इस क्षेत्र में काम करते समय भाजपा यह नहीं देखती कि शिक्षक किस धर्म से ताल्लुक रखते हैं।” महाराष्ट्र कैबिनेट नें मदरसों में डीएड, बीएड शिक्षकों के वेतन में वृद्धि के निर्णय को मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट के निर्णय के अनुसार मौलाना आजाद अल्पसंख्यक आर्थिक विकास निगम की शेयर पूंजी को 700 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये करने को भी मंजूरी दी गई है। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किया। मुख्यमंत्री के अनुसार वर्तमान समय में डीएड शिक्षकों को 6000 रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जाता है, अब इसे बढ़ाकर 16,000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है।