शरद पूर्णिमा के दिन अनवरत 71 वर्षों से जारी है रावण पुतला दहन मेला

अजीत पार्थ न्यूज धनघटा संतकबीरनगर

शरद पूर्णिमा के अवसर पर गुरुवार को क्षेत्र के गागरगाड़ में दशकों से चली आ रही परंपरा के क्रम में इस वर्ष भी मेले का आयोजन किया गया। मेले में रावण का पुतला दहन करके जहां असत्य पर सत्य के जीत का संदेश दिया गया, वही मेले में बच्चे, बुजुर्ग, महिलाओं नें मनपसंद सामान की खरीददारी किया।

क्षेत्र के गागरगाड़ में विगत 71 वर्षों से रामलीला का आयोजन होता चला आ रहा है। शरद पूर्णिमा के दिन रावण का वध किया जाता है और मेले का आयोजन होता चला आ रहा है। कुछ वर्षो से मंहगाई की वजह से रामलीला का आयोजन न करके केवल शरद पूर्णिमा पर रावण वध के लीला का मंचन रावण के पुतले का दहन के साथ मेले का आयोजन होता चला आ रहा है। राम लीला के बजाय रामचरितमानस का पाठ कराकर उसके समापन पर रावण के पुतले का दहन किया जाता है। रामलीला के कलाकारों ने राम और रावण के बीच हुए युद्ध के दृश्य का मंचन किया। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने जब रावण का वध किया तो चारों तरफ जय जयकार गूंज उठी। उसके बाद रावण के पुतले का दहन किया गया। आयोजित मेले में स्थानीय व्यापारियों से लोगों ने जरूरत के सामानों की खरीदारी की। इस मौके पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।

आयोजक ग्रीस चंद पाण्डेय, विनय कुमार, रजनीश राय, केशरी नंदन, हर्ष पाण्डेय, मनोज यादव, ब्रिंद्रेश यादव समेत तमाम ग्रामीण मौजूद रहे।

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