बस्ती की माटी के लाल अष्टभुजा शुक्ल की अध्यक्षता में सम्पन्न होगा मध्यप्रदेश का विन्ध्य-मेकल साहित्य उत्सव

∆∆•• विश्व हिन्दी सम्मेलन मारीशस में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके गंवई माटी के कवि अष्टभुजा शुक्ल

अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी

पं.रमाविलास सेवा संस्थान और मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन की प्रदेश, ब्यौहारी, शहडोल और उमरिया इकाइयों द्वारा संयुक्त रूप से “विन्ध्य-मेकल साहित्य उत्सव” का आयोजन किया जाएगा । कविता कला अंतर्संवाद यात्रा को समर्पित को इस तीन दिवसीय आयोजन के अंतर्गत तीन जिलों में साहित्य और कला पर केंद्रित तीन प्रतिष्ठा आयोजन किए जायेंगे ।

“विन्ध्य-मेकल साहित्य” उत्सव का शुभारंभ महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर को सेंट्रल एकेडमी इंटर नेशनल स्कूल ब्यौहारी में प्रसिद्ध लोकगायक नरेन्द्र बहादुर सिंह के बघेली लोकगायन से होगा । जिसमें प्रथम दिवस हिन्दी-बघेली कवि सम्मेलन और पं. रमाविलास साहित्य सम्मान समारोह आयोजित होगा, जिसकी अध्यक्षता लब्धप्रतिष्ठित वरिष्ठ कवि एवं उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के निवासी अष्टभुजा शुक्ल करेंगे । पद्मश्री बाबूलाल दाहिया मुख्य अतिथि, अवधेश प्रताप सिंह विश्व विद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. दिनेश कुशवाह सारस्वत अतिथि और विदुषी डॉ.नीलमणि दुबे स्वागताध्यक्ष होंगी ।

उक्त जानकारी रमाविलास सेवा संस्थान के अध्यक्ष रवि मिश्रा, सम्मेलन की ब्यौहारी इकाई के अध्यक्ष शिवपाल तिवारी और आयोजन का संपूर्ण समन्वयन कर रहे वरिष्ठ कवि एवं संस्कृतिकर्मी संतोष कुमार द्विवेदी नें संयुक्त रुप से दिया है । आयोजक मंडल के अनुसार उक्त आयोजन में देश भर से 25 की संख्या में नामचीन कवि एवं लेखक शामिल होंगे ।

आयोजन समिति की ओर से हिन्दी साहित्य सम्मेलन की ब्यौहारी इकाई के सचिव रवि मिश्रा और वरिष्ठ कवि एवं संस्कृतिकर्मी संतोष कुमार द्विवेदी नें बताया कि कविता कला अंतर्संवाद यात्रा को समर्पित “विन्ध्य – मेकल साहित्य उत्सव” के अंतर्गत तीन दिन, तीन जिले और तीन प्रतिष्ठा आयोजन सम्मिलित हैं ।
प्रथम आयोजन विश्व अहिंसा दिवस‌ पर 2 अक्तूबर को आयोजित होगा । इस अवसर पर सेंट्रल एकेडमी इंटर नेशनल स्कूल में बघेली लोकगायन, हिन्दी-बघेली कवि सम्मेलन और रमाविलास साहित्य सम्मान समारोह का आयोजन होगा ।
द्वितीय आयोजन उमरिया जिले के चंदिया में “मिट्टी महोत्सव” के रूप में आयोजित होगा । जिसमें कुम्हार कला से परिचय, संवाद और सेलिब्रेशन शामिल है । इस मौके पर कोहरौंही लोकगीत और कवि सम्मेलन का कार्यक्रम होगा । जबकि तीसरा आयोजन गोंड पेंटिंग के जनक जनगण सिंह श्याम के जन्मस्थान पाटनगढ़, जनपद डिंडोरी में जनगण सिंह श्याम स्मृति समारोह के रूप में आयोजित किया जाएगा । उक्त कार्यक्रम में जनगण सिंह श्याम के कला व्यक्तित्व और गोंड पेंटिंग पर ख्यात चित्रकार अवधेश बाजपेयी मुख्य वक्तव्य देंगे और आमंत्रित कवियों का रचनापाठ होगा ।

विन्ध्य-मेकल साहित्य उत्सव में देश भर से लगभग 25 ख्यातिलब्ध कवि और लेखक शामिल होंगे । जिसमें प्रमुख रूप से डॉ. चंचला पाठक – बीकानेर, डॉ. रेखा कस्तवार – भोपाल, जोशना बनर्जी – आगरा, डॉ. निधि अग्रवाल – झांसी, इरा टाक – जयपुर, श्रुति कुशवाहा – भोपाल, पल्लवी त्रिवेदी – भोपाल, अष्टभुजा शुक्लजी बस्ती (उत्तर प्रदेश), नरेंद्र पुंडरीक – बांदा , यतीश कुमार – कोलकाता, शशांक गर्ग – भोपाल, विवेक चतुर्वेदी – जबलपुर, डॉ. अनिल कुमार पाण्डेय – चंडीगढ़, केतन यादव – इलाहाबाद, पद्मश्री बाबूलाल दाहिया- सतना, डॉ अमोल ‘बटरोही’-रींवा, प्रो. दिनेश कुशवाह -रींवा, प्रो. अनिल सिंह – सींधी, रामनरेश तिवारी ‘ निष्ठुर- रींवा, सुरेश सिंह – रींवा, श्री शिवशंकर मिश्र ‘सरस’ – सींधी, डॉ. संतोष तिवारी- मझौली, रावेंद्र शुक्ल – मझौली, शम्भू सोनी ‘पागल’ – उमरिया, अनिल कुमार मिश्रा – कटनी, विभूति तिवारी – सीधी, अरुण पयासी – राजनगर आदि शामिल होगें ।

विन्ध्य-मेकल साहित्य उत्सव के दौरान दिए जाने वाले प्रतिष्ठित “रमाविलास साहित्य सम्मान” से वरिष्ठ नवगीतकार रामनिहोर तिवारी को सम्मानित किया जाएगा । आयोजन समिति ने क्षेत्र के बुद्धिजीवियों, कला, संस्कृति, साहित्य व शिक्षा से जुड़े मनीषियों से आयोजन को सफल बनाने में सहयोग प्रदान करने की अपील किया है ।

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